न्यूज एक नजर: प्रयागराज महाकुंभ मेले मे बड़ी संख्या मे श्रद्धांलुओं के आयने के अनुमान के चलते, रेलवे महाप्रबंधक अशोक कुमार ने कैंट रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। उन्होंने महाकुंभ के मद्दे नाजर चाल रही तैयारियों का भी जायजा लिया। उन्होंने ट्रैक मरम्मत के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। महाकुंभ के दाैरान रेल यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं को दुरुस्त करने का निर्देश दिया।
प्रयागराज-वाराणसी रेलखंड निरीक्षण के बाद कैंट स्टेशन पहुंचे महाप्रबंधक ने महाकुंभ को लेकर रेल अधिकारियों के साथ निदेशक कक्ष में बैठक की। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए स्टेशनों पर प्रतीक्षालय बनाया जा रहा है। जिनमे मेले के दौरान आने और जाने वाले यात्रियों को तब तक रोका जायेग, जब तक ट्रेन प्लेटफाॅर्म पर नही लग जाती। उन्हें ने बताया की ट्रेन के प्लेटफाॅर्म पर लग जाने के बाद ही बस उस ट्रैन के यात्रियों को ही रेलवे प्लेटफार्म पर छोड़ा जाएगा।
इस तरह के सुरक्षा घेरे मे यात्री होएंगे ट्रैन मे सवार
आरपीएफ, मैकेनिकल और काॅमर्शियल के 2000 से अधिक कर्मियों को लगाया जाएगा, जो कि घेरा बनाते हुए यात्रियों को कोच में सवार कराएंगे। इसके बाद कोच का गेट बंद करा दिया जाएगा। इससे भगदड़ जैसी स्थिति नहीं होगी। गट्ठर साथ लेकर चलने वाली माताओं, बहनों और बुजुर्गों को प्राथमिकता के आधार पर पहले कोच में सवार कराया जाएगा। दिल्ली में छठ पूजा मॉडल को महाकुंभ के लिए लागू किया जाएगा। लखनऊ मंडल के अधिकारी, दिल्ली जाकर इस व्यवस्था से रूबरू होंगे।
कैंट स्टेशन पर पांच हजार यात्रियों की क्षमता का प्रतीक्षालय बनेगा
उन्होंने बताया कि 40 से 50 हजार यात्रियों के ठहरने के लिए प्रयागराज और फाफामऊ स्टेशन पर होल्डिंग एरिया बनाए जा हे हैं। इसमें 30 से 35 एटीवीएम मशीनें, डिस्प्ले कोच, सीसी कैमरे, सुरक्षा आदि सभी व्यवस्थाएं होंगी। वहीं, कैंट स्टेशन के प्रथम और द्वितीय तल पर चार से पांच हजार यात्रियों की क्षमता का दो होल्ड एरिया बनाया जाएगा।
पहले श्रद्धालु होल्ड एरिया में रोके जाएंगे। आरपीएफ, जीआरपी और मैकेनिकल की टीमें तैनात रहेंगी। महाकुंभ के लिए 36 ट्रेनें चलाई जाएंगी। महाप्रबंधक ने बताया कि दिसंबर 31 तक वाराणसी-प्रयागराज दोहरीकरण, विद्युतीकरण कार्य पूरा हो जाएगा तो ट्रेनें अपनी पूरी क्षमता के साथ इस रूट पर चलेंगी।