News Ek Najar : गाजियाबाद की सबसे महंगी और प्रीमियम टाउनशिप हरनंदीपुरम का विकास तेजी से किया जा रहा है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण इस नई टाउनशिप को बनाने के लिए 8 गांवों के किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर रहा है और उन्हें करोड़ों रुपये का मुआवजा वितरित करेगा।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए टेंडर की तिथि घोषित कर दी है। साथ ही ड्रोन सर्वे के जरिए जमीन की पहचान करने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा हरनंदीपुरम टाउनशिप के लिए ड्रोन सर्वे शुरू कर दिया गया है। इस सर्वे के जरिए सीमाओं और मौजूदा संरचनाओं का सटीक आकलन किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के दौरान गांवों की कृषि और गैर कृषि भूमि की पहचान की जा रही है। विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अतुल वत्स के मुताबिक, सर्वे पूरा होने के बाद टेंडर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। योजना के तहत संपत्ति निर्माण पर रोक लगाई गई है। हरनंदीपुरम परियोजना के लिए जमीन की पहचान होने के बाद इलाके में किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। साथ ही बाहरी लोगों के जमीन खरीदने पर भी रोक लगा दी गई है। फिलहाल संबंधित गांवों के निवासी ही आपस में जमीन खरीद-फरोख्त कर सकते हैं। शासन से मंजूरी मिलते ही टाउनशिप की जमीन के दाम तय किए जाएंगे और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
इन 8 गांवों से ली जाएगी जमीन
प्राधिकरण की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में मथुरापुर, शमशेर, चंपतनगर, भनेड़ा खुर्द और नंगला फिरोज जैसे गांव शामिल होंगे। कुल 541 हेक्टेयर में फैली यह हाईटेक टाउनशिप हरिनंदीपुरम में बसाई जाएगी। यह टाउनशिप न सिर्फ इंदिरापुरम और गौर सिटी से बड़ी होगी, बल्कि इसे और भी भव्य और सुविधाजनक तरीके से विकसित किया जाएगा।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों से बातचीत करने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। यह समिति किसानों के लिए उचित मुआवजा तय करेगी, जिससे भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके। हरिनंदीपुरम टाउनशिप न सिर्फ गाजियाबाद बल्कि एनसीआर के विकास के लिए भी मील का पत्थर साबित होगी। इस परियोजना के पूरा होने पर, बड़े पैमाने पर महत्वपूर्ण निवेश और आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास होगा, जिससे क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में बड़ा परिवर्तन आएगा।